Sunday, January 3, 2010

अच्छे रिपोर्टर के गुण यह क्यों नहीं सिखाते हैं पत्रकारिता विद्यालय

जो विज्ञापन ला सके
आरक्षण करा सके रेल और हवाई यात्रा के लिए
पुलिस के झंझटों से निजात दिला सके
पार्टी बाज़ी और मुफ्त मौज मस्ती का आयोजन करा सके मालिकों के लिए
लिखने में क्या धरा है
लाला का मुनीम भी लिख लेता है
पत्रिकारिता विद्यालय यह सब क्यों नहीं सिखाते
नए पाठ्यक्रम में पुलिस की दलाली , नेताओं से सौदेबाजी और सरकारी विभागों से काम निकलना आदि शामिल करना चाहिए